यहीं पे मुक्कद्दर की बात आ गयी है.
यहीं पे नसीबों से काम आ पड़ा है.
मुझे खोदना है पर्वत से दरिया,
तेरे सामने भी तो कच्चा घडा है.
Saturday, October 3, 2009
Addicted
तुम्हारी रसोई वीरान पड़ी है . कोई बाईस घंटे बाद ख्याल आया , कि मैंने खाना नही खाया एक अफ्सुर्दगी छा गई तुम्हारी बात याद आ गई "डॉक्टर ने दही मना किया है बगैर रायता, खाने की आदत डालो"
एक सच कहता हूँ : "मुझे रायता कि नही, तुम्हारी आदत थी ".
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