Monday, August 24, 2009

दर्द तन्हा है


जो लोग मेरे साथ थे


वो जिनकी मुझे आस थी


लोग भी बदल गए


तुम भी चली गयी प्रिया।


जो हमने देख रखे थे


कितने सहेज रखे थे


वो सारे स्वप्न जल गए


तुम भी चली गयी प्रिया।


तुमको शिकायतें रही


मुझको तलब है नींद की


नींद भी इन आँखों से


अब रास्ते बदल गए


तुम भी चली गयी प्रिया।


मेरे साथ ही होता है क्यों


अब तुमसे मैं क्या क्या कहूँ


खुशियाँ,सुकून,चाय तक


मुझे छोड़ दर असल गए


तुम भी चली गयी प्रिया।


missing you my love.





2 comments:

  1. good one dear....thodi adabgi mujhmein bhi baki hai shayad...
    keep it up...

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  2. I don't have a word to say about your poetry.. it's a really great..

    I truly appreciate u..

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