खफा मैं बेसबब ही था तुमसे
तुम्हारी अपनी ही मजबूरियां है।कभी जो फासले थे, अब नही हैंमगर अब कुरबतों की दूरियां हैं।बहुत हम दोनों में चाहत है लेकिनबहुत हम दोनों में मगरूरियां हैं ।कभी जो खेलती थी धडकनों सेअब उन आँखों में बेनूरियां हैं ।न हो हैरान कि मै पीता नही हूँकि मुझको जीस्त कि मख्मूरियां हें।.
Its so nice ...:)
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