
पढ़ते रहते हैं कहीं तेरी ख़बर मिल जाए
लिखते रहते हैं कहीं तुमको ख़बर हो जाए ।
गमे दुनिया,गमे जानाँ, गमे हस्ती के बाद
और क्या चाहिए बस यूँ ही बसर हो जाए ।
दुआ को हाथ उठाने मे कोई हर्ज नही
ना जाने कब दुआओं मे असर हो जाए ।
गैरों पे होती है जो आपकी निगाहे करम
ये इनायत कभी हम पर भी नजर हो जाए ।
कभी तो साथ चलो काँटों भरे राहों पर
कुछ मुख्तसर ये तवील सफर हो जाए ।
मुख्तसर- छोटा।
तवील- लंबा
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