
मुझको तुम्हारे इश्क ने दीवानगी है कि अता
क्या मैंने होश खो दिए या ये जहाँ बदल गया।
तुमसे जो मिल के हंस लिए तो जख्म हरे हो गए
तुमसे लिपट के रो लिये तो दर्द भी संभल गया ।
तेरी हरेक बात को मैं भुला सका नही आज तक .
लेकिन वो मुड के देखना मेरी जिन्दगी बदल गया ।
मुझको हुआ है ये गुमान तुम भी उदास हो कहीं
जो फूल तुमको पसंद थे उन्हें आज कोई मसल गया ।
मेरी कलम ना छीनिए ये कसूर है दिमाग का
मै जो भी सोचता गया कलम ने वो उगल दिया
Bahut hi sundar aur bhaavpoorn abhivyakti .. man ko chooti hui rachna. kahin kahin aisa laga ki meri hi baat kah rahe ho aap..
ReplyDeleteMeri badhai sweekar kijiyenga.
Dhanywad.
Vijay
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