
तू मेरे गम में साथ चलता है
तू मेरी हर खुशी में ढलता है ।
दिल की नादानियाँ तो जायज हैं
जेहन भी चाँद को मचलता है ।
तुझको सुनके ही जान आती है
तुझको सुनके ही दम निकलता है ।
कौन सी बात की कसम दूँ तुझे
तू तो हर बात पे बदलता है ।
आँखें पढ़ लेती हैं तेरे दिल को
जब दुप्पट्टे को तू मसलता है .
(चित्र -गूगल से साभार)
भई चित्र बढ़िया है और कविता उसे पूरा करती है ।
ReplyDeletekaun si baat ki kasam doon tujhe... tu to HAR baat pe badalta hai..
ReplyDeletewaah bhai.. badhiya... humesha ki tarah... sadhuvaad!