
उधडे यादों को फिर एक बार रफू करना है
जो रह गया था वही, फिर से शुरु करना है।
ख्वाब बुनने की आदत है सो जाती ही नहीं
सोचते रहते हैं यूं करना हैं, यूं करना है
बूढे बरगद से तेरा नाम मिटा आये है
बेवजह ही तुझे बदनाम भी क्यूं करना है।
ज़ेहन को फिक्र 'तू मेरी बुरी आदत है '
मैने ठाना कि इस आदत ओ जूनूं करना है
दिल को लगता है तू आएगा पशेमां एक दिन
दिल का क्या है इसे हर हाल सुकूं करना है ।
ज़ेहन- दिमाग
पशेमां- पछतावा
(चित्र गूगल से साभार)
अभिशप्त स्वप्नों में एक दिल धड़कता है...
ReplyDeleteअपनी आदतों को जुनूं,जिगर को सुकूं करता है...
thankz ravi bhai
ReplyDeleteaaj phir puraani khwahisho ke liye dil machal raha hai......
ReplyDeletethankz ronny
ReplyDeleteदिल का क्या है इसे हर हाल सुकूं करना है । baat bas yahi ek sacchi hai :))...rachna acchi hai
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