
सुनो तुम फ़िक्र मत करना
तुम्हे जाना है ,तुम जाओ
मेरी खातिर न रुक जाओ
कि जैसे तुम बदलते हो
बिना देखे गुजरते हो
बदल जायेंगे ये दिन भी
गुजर जायेंगे ये दिन भी
हाँ कोई बात गर रोके
मेरे हालात गर रोकें
पुरानी याद गर रोके
तो तुम दिल को मना लेना
उसे इतना बता देना,
बदलना भी जरुरी है
कि चलना भी जरुरी है
जरुरत ही तो सबकुछ है
सुनो तुम फ़िक्र मत करना
मगर ये जिक्र मत करना
नहीं तो लोग हंस लेगे
मुझ पर ताने कस लेंगे .
मुझे अपनी नहीं चिंता
कि गोया फ़िक्र बस ये है
वो तुमको भी सतायेंगे
तुम्हे दोषी बताएँगे .
सुनो तुम फ़िक्र मत करना
तुम्हे जाना है, तुम जाओ ।
मगर एक बात सुन जाओ
मैं ये फिर कह न पाउँगा
"मैं तुम बिन रह ना पाउंगा "
"मैं तुम बिन रह ना पाउंगा"
(छोटे भाई सोनू के लिए )